प्रिय!! आज तुम्हारा जन्मदिन
क्या दूँ मैं तुम्हे 'उपहार' ?
बहुमूल्य ना सही ,हो सबसे भिन्न
एक क्षण विशेष को कैसे सजा दूं
लगे तुम्हे हर दिन जैसे 'त्यौहार'
तुम्हारे 'ह्रदय' में एक साज़ बजा दूं
जो बजता रहे,सुमधुर,संबंधों का,
अदभुद ,सुर्गम्य ,सरगम 'संसार '
हमारे 'हृदय' के,पुराने होते रंगों,
को रंग दूँ इन्द्रधनुषी प्यार और विश्वास के
रंगों से जिससे आ जाये संबंधों में नया'निखार'
क्या दूँ मैं तुम्हे 'उपहार' ?
बहुमूल्य ना सही ,हो सबसे भिन्न
एक क्षण विशेष को कैसे सजा दूं
लगे तुम्हे हर दिन जैसे 'त्यौहार'
तुम्हारे 'ह्रदय' में एक साज़ बजा दूं
जो बजता रहे,सुमधुर,संबंधों का,
अदभुद ,सुर्गम्य ,सरगम 'संसार '
हमारे 'हृदय' के,पुराने होते रंगों,
को रंग दूँ इन्द्रधनुषी प्यार और विश्वास के
रंगों से जिससे आ जाये संबंधों में नया'निखार'
"तुम्हारे जनम दिन में यही है मेरा 'उपहार "
हाँ ! यही उपहार सबसे भिन्न होगा
ReplyDeleteसरोज जी,
ReplyDeleteआपके प्रिय को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें.....कविता रुपी ये उपहार बहुत बहुमूल्य है क्योंकि इसमें आपके सच्चे उद्गगार भरे हैं|