सजन बिन रतिया, खूब सतावे हमके
बनके छबि अन्हरवा, भरमावे हमके !
रतिया मा रही-रही निनिया उचीक जाले
झिन्गुरवा उनका नामे,गोहरावे हमके !
अब के सवनवा, ऊ अइहें जरुर एही आसे ...
मन के मोरवा बिन बरखा, नचावे हमके !
ओरी से बहल बयार, देके सनेस उनकर
छुआ के उनकर नेहिया, सोहरावे हमके !
बरखा, धरती अउर असमान के संसर्ग हवे
देखा के ई प्रीत,बुनिया रोज़ जरावे हमके !
मन मत कर थोर आ जईहें सजन तोर
कोठवा पs बईठल काग समुझावे हमके !
~s-roz~-------------------
झिन्गुरवा=झींगुर /अन्हरवा=अँधेरा /गोहरावे=पुकारना /बुनिया =बारिश की बूँद /नेहिया=स्नेह /सोहरावे=सहलाना /कोठवा=छत /मन मत कर थोर =मन छोटा न करना (मुहावरा)
बनके छबि अन्हरवा, भरमावे हमके !
रतिया मा रही-रही निनिया उचीक जाले
झिन्गुरवा उनका नामे,गोहरावे हमके !
अब के सवनवा, ऊ अइहें जरुर एही आसे ...
मन के मोरवा बिन बरखा, नचावे हमके !
ओरी से बहल बयार, देके सनेस उनकर
छुआ के उनकर नेहिया, सोहरावे हमके !
बरखा, धरती अउर असमान के संसर्ग हवे
देखा के ई प्रीत,बुनिया रोज़ जरावे हमके !
मन मत कर थोर आ जईहें सजन तोर
कोठवा पs बईठल काग समुझावे हमके !
~s-roz~-------------------
झिन्गुरवा=झींगुर /अन्हरवा=अँधेरा /गोहरावे=पुकारना /बुनिया =बारिश की बूँद /नेहिया=स्नेह /सोहरावे=सहलाना /कोठवा=छत /मन मत कर थोर =मन छोटा न करना (मुहावरा)
No comments:
Post a Comment