अधूरे ख्वाब


"सुनी जो मैंने आने की आहट गरीबखाना सजाया हमने "


डायरी के फाड़ दिए गए पन्नो में भी सांस ले रही होती है अधबनी कृतियाँ, फड़फडाते है कई शब्द और उपमाएं

विस्मृत नहीं हो पाती सारी स्मृतियाँ, "डायरी के फटे पन्नों पर" प्रतीक्षारत अधूरी कृतियाँ जिन्हें ब्लॉग के मध्यम से पूर्ण करने कि एक लघु चेष्टा ....

Thursday, March 17, 2011

'रंग "

"हे कान्हा! बरसाने का रंग
किंचित वहां भी बरसाना
जहाँ यह निर्णय दुष्कर है,
कि यह खारापन !!!!
सागर का है या अश्रु का
रंग ऐसो पड़े उन पर
ऊर उमंग अति उपजे
प्लावित हो उनका जीवन "
~~~S-ROZ ~~`

3 comments:

  1. हम सबकी यही प्रार्थना है.... होली की हार्दिक शुभकामनायें ..... हैप्पी होली

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  2. सरोज जी,

    सही कहा है आपने.....ईश्वर मुसीबतज़दा लोगों पर रहम करें.....आमीन

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  3. Shukriya mitron!!! holi ki dheron shubhkaamnayen aap sabhi ko..

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