हम समझे थे के,वो "रब" के हैं
धत्त! वो तो बस,मज़हब के हैं !
तोड़े से भी नहीं टूटती वो दीवार
बीच हमारे खड़ी,जाने कब से है !
देखें है हमने कई कद्दावर ऐसे
जो बौने नियत के,गज़ब के हैं !
सदनों में कूदते हैं ,कुर्सियों पर
धत्त! वो तो बस,मज़हब के हैं !
तोड़े से भी नहीं टूटती वो दीवार
बीच हमारे खड़ी,जाने कब से है !
देखें है हमने कई कद्दावर ऐसे
जो बौने नियत के,गज़ब के हैं !
सदनों में कूदते हैं ,कुर्सियों पर
फ़नकार सभी बड़े क़रतब के हैं !
आईनें में खुद को पहले देखना
बस यही इल्तजा आप सब से है !!
~s-roz~
आईनें में खुद को पहले देखना
बस यही इल्तजा आप सब से है !!
~s-roz~