सखी,माघ महिनवा अमवा मउराला
देख त कईसन सवनवा बउराईल
अब हम फगुआ के फाग सुनाईं
के असो बईठ के कजरी गाईं
मारsता करेजवा में जोर हो रामा, माघ के सवनवा !
सखी,माघ महिनवा सरसों पियराला
देख त कईसन इ,घाटा घिर आईल
अब हम आपन खेत सरियाईं
के सरसों के भिजल फर फरीयाईं
भीजsता अचरवा के कोर हो रामा, माघ के सवनवा !
सखी, माघ महिनवा के घाम सोहाला
देख त कईसन झटास भर आईल
कैसे सुरुज के हम जलवा चढाई
कैसे फूलगेंदवा के झरला से बचाईं
देहिया सिहराला पोरे पोर हो रामा, माघ के सवनवा !
~s-roz~
देख त कईसन सवनवा बउराईल
अब हम फगुआ के फाग सुनाईं
के असो बईठ के कजरी गाईं
मारsता करेजवा में जोर हो रामा, माघ के सवनवा !
सखी,माघ महिनवा सरसों पियराला
देख त कईसन इ,घाटा घिर आईल
अब हम आपन खेत सरियाईं
के सरसों के भिजल फर फरीयाईं
भीजsता अचरवा के कोर हो रामा, माघ के सवनवा !
सखी, माघ महिनवा के घाम सोहाला
देख त कईसन झटास भर आईल
कैसे सुरुज के हम जलवा चढाई
कैसे फूलगेंदवा के झरला से बचाईं
देहिया सिहराला पोरे पोर हो रामा, माघ के सवनवा !
~s-roz~
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