आज! अपने बढ़े हुए नाखूनों को देख
यक बा यक,जेहन में ,
यह ख्याल उभरा के......
'लफ्ज़' भी नाखून ही होते हैं
बेहतर है इन्हें तराश कर रखना
वरना,ये औरों को तो चुभते ही हैं
अलबत्ते, खाने के साथ
खुद की गन्दगी ...........
जबां के भीतर ही जाती है !
~s-roz ~
यक बा यक,जेहन में ,
यह ख्याल उभरा के......
'लफ्ज़' भी नाखून ही होते हैं
बेहतर है इन्हें तराश कर रखना
वरना,ये औरों को तो चुभते ही हैं
अलबत्ते, खाने के साथ
खुद की गन्दगी ...........
जबां के भीतर ही जाती है !
~s-roz ~
कितनी गहरी बात कह दी।
ReplyDeleteलफ्ज तो नाखून से भी गहरी चोट करते हैं .... बहुत गहन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteयार्थार्थ को दर्शाती अभिवयक्ति.....
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