"मैं और तुम"
इन "सर्वनामों" के मध्य
व्याप्त है हमारे अपने "विशेषण"
जिन्हें हम बदलना नहीं चाहते
और ढूंढ़ते रहते हैं
जीवन की उपयुक्त "संज्ञा" !!!!
~~~S-ROZ~~~
इन "सर्वनामों" के मध्य
व्याप्त है हमारे अपने "विशेषण"
जिन्हें हम बदलना नहीं चाहते
और ढूंढ़ते रहते हैं
जीवन की उपयुक्त "संज्ञा" !!!!
~~~S-ROZ~~~
अपनी अपनी क्रिया के माध्यम से?
ReplyDeleteशब्द-शब्द संवेदनाओं से भरी मार्मिक रचना.....
ReplyDeleteMitron ap sabhi ka hriday se atyant abhar!
ReplyDelete