तुम जो कहते हो मै "फूल" हूँ
दो दिन में 'झर' जाउंगी
हाँ, मै 'फूल' हूँ
दो दिन में 'झर' जाउंगी
पर जाने से पहले खुशबु बन
फिजाओं में बिखर जाउंगी
तुम जो 'शाख' हो
तुम किधर जाओगे
सूखने के बाद
चिताओं में 'राख' हो जाओगे
राख तुम्हे भी होना है
खाक मुझे भी होना है
तो प्यारे .......
फिर किस बात का रोना है ....:)
~~~S-ROZ~~~
यूँ देखें तो कुछ भी शाश्वत नहीं है....
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