"गावं के घर कि दीवार ढह चुकी!
अब कोई नहीं रहता वहां,
सिवाय चमगादड़ों के
पर कराहती आवाजों में
बुजुर्गों कि दुआएं
अब कोई नहीं रहता वहां,
सिवाय चमगादड़ों के
पर कराहती आवाजों में
बुजुर्गों कि दुआएं
अब भी वहां गूंजती है कानो में
~~~S-ROZ~~~
~~~S-ROZ~~~
आत्मीय संबंधों की भावपूर्ण अभिव्यक्ति ....
ReplyDeletebahut bahut shukriya Sunil ji !!!
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