गधे की पीठ पर
लदी होती है
रोड़ी , सीमेंट और ईंटें
तल्ख़ मौसमों की मार सहते हुए
घर की बुनियाद ढोए चलते रहते हैं
मुफ़ीद ज़मीं तलक़
घर, तोरण, महूरत
इससे उसका कोई वास्ता नहीं होता
.
.
किसी अज़ीम ने कहा था
"सिंहासन खाली करो कि जनता आती है "
हमने तो अब तलक़ उन्हें सिंहासन ढ़ोते ही देखा है !!
~s-roz~
लदी होती है
रोड़ी , सीमेंट और ईंटें
तल्ख़ मौसमों की मार सहते हुए
घर की बुनियाद ढोए चलते रहते हैं
मुफ़ीद ज़मीं तलक़
घर, तोरण, महूरत
इससे उसका कोई वास्ता नहीं होता
.
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किसी अज़ीम ने कहा था
"सिंहासन खाली करो कि जनता आती है "
हमने तो अब तलक़ उन्हें सिंहासन ढ़ोते ही देखा है !!
~s-roz~
सटीक और सारगर्भित।
ReplyDeleteजनता को गधा बनाये रखने में सिंघासन की साजिश है...
ReplyDeleteBahot khoob....
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