तुम्हे धूप-धूप समेट लूं
तुम्हे छांव-छांव गुमेट लूँ
तुम्हे रंग-रंग निखार दूं
तुम्हे हर्फ़-हर्फ संवार दूँ
फ़िलवक्त आई मौत भी तो
कह दूंगी उसे इस रुआब से
जा मुल्तवी हो इस दयार से
अभी करने है मुझे काम कई
तुम्हे छांव-छांव गुमेट लूँ
तुम्हे रंग-रंग निखार दूं
तुम्हे हर्फ़-हर्फ संवार दूँ
फ़िलवक्त आई मौत भी तो
कह दूंगी उसे इस रुआब से
जा मुल्तवी हो इस दयार से
अभी करने है मुझे काम कई
ReplyDeleteभावो का सुन्दर समायोजन......
बहुत बहुत शुक्रिया सुषमा जी
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया सुषमा जी
ReplyDeleteअति सुंदर।
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