एक ढेले की मिटटी लेकर
बेमानी को मानी देकर
बना डाली,मूरत प्यार की
मुक़द्दस दिल में उसे बसाया भी
बड़ी शिद्दत से उसे पूजा भी
जाने कैसे तो .........
बीती शब् की आंधी में
कुछ तो टूटा उसका
दिल था शायद .............
हो सके तो उसे
दरिया में दफना देना
क्यूंकि,.....टूटी हुयी मूरत !
इबादत के काबिल नहीं होती !
~~~S-ROZ~~~
बेमानी को मानी देकर
बना डाली,मूरत प्यार की
मुक़द्दस दिल में उसे बसाया भी
बड़ी शिद्दत से उसे पूजा भी
जाने कैसे तो .........
बीती शब् की आंधी में
कुछ तो टूटा उसका
दिल था शायद .............
हो सके तो उसे
दरिया में दफना देना
क्यूंकि,.....टूटी हुयी मूरत !
इबादत के काबिल नहीं होती !
~~~S-ROZ~~~
टूटी हुई चीज़ों को..कौन रखता है.
ReplyDeleteहेल्लो माँ जय ॐ साईं राम जी मन आप को फसबूक पैर देका था पैर मेरी ईद माँ कुछ प्रोब था इसलिय मन आप को या रेपली किया हा मेरी ईद हा फसबूक की ओम्स्र्म११@रेदिफ्फ्मैल.कॉम प्लस अदद में
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