अधूरे ख्वाब


"सुनी जो मैंने आने की आहट गरीबखाना सजाया हमने "


डायरी के फाड़ दिए गए पन्नो में भी सांस ले रही होती है अधबनी कृतियाँ, फड़फडाते है कई शब्द और उपमाएं

विस्मृत नहीं हो पाती सारी स्मृतियाँ, "डायरी के फटे पन्नों पर" प्रतीक्षारत अधूरी कृतियाँ जिन्हें ब्लॉग के मध्यम से पूर्ण करने कि एक लघु चेष्टा ....

Sunday, December 5, 2010

" उत्प्रेरक क्षणिकाएं

नहीं प्राप्त होता 'लक्ष्य' उसे
जो 'नियत' मार्ग पर रुक जाता है
मारने को 'पत्थर' हर उस स्वान पर
जो उसके ऊपर 'भौंकता' है ....."
"you will never reach your destination if you stop n throw stones at every dog that barks at you..."
*******************************************************
 ‎"यहाँ 'जिंदगी' आसां नहीं किसी की
गर चाहते हो भरना 'दामनों' में ख़ुशी
बजाय जोड़ने के 'दिन'..... जिंदगी में
जोड़ ले बचे 'दिनों' में ......'जिंदगी' "
.
Add Life To Your Days, Not Days To Your Life
********************************************
या रब !!!
हमें 'घासों' सी 'खुश-अख्लाकी' अता कर
क्योंके चलती है फिजां में जब तेज़ आंधियां
जड़, से उखड़ जातें है 'बद-अखलाक' 'पेड़'
और बदस्तूर 'जिन्दा' रहते है सब्ज"घास"
'खुश-अख्लाकी' =politeness(सौम्यता )
 
.SIMPLE and HUMBLE like grass,when a wild storm attacks all the big tree get uprooted but the simple grass
 
~~~S-ROZ~~~
 

2 comments:

  1. वाह सरोज जी....बहुत खूब अंग्रेजी सुविचारों को बहुत बढ़िया ढंग से पेश किया है...,.

    ReplyDelete