आँखों ने ज़मीं के कैनवास पर
सागर का नीलापन देखा
परबत का
सब्ज़,कत्थई,भूरा होना देखा
नदियों की पारदर्शिता देखी
मैदानों में हरियाली दिखी
खुशरंग फूलों की घाटियाँ देखीं
मगर सरहद की कंटीली बाड़ों से
हवा के बदन पर
मुसलसल उभरती ख़राशों से
लहू टपकते देखा है
तभी तो ........
वहां की सुनहरी ज़मीं
लाल दिखाई पड़ती है !
सागर का नीलापन देखा
परबत का
सब्ज़,कत्थई,भूरा होना देखा
नदियों की पारदर्शिता देखी
मैदानों में हरियाली दिखी
खुशरंग फूलों की घाटियाँ देखीं
मगर सरहद की कंटीली बाड़ों से
हवा के बदन पर
मुसलसल उभरती ख़राशों से
लहू टपकते देखा है
तभी तो ........
वहां की सुनहरी ज़मीं
लाल दिखाई पड़ती है !
~s-roz~