सखी री ....,
एकै चाक के माटी हम सब
कुछ गढ़ी कुछ टूट गईं
कुछ बची कुछ फूट गईं
कुछ संभली कुछ छूट गईं
कुछ कच्ची कुछ सूख गईं
कुछ पलीं कुछ मारी गईं
कुछ बिगड़ीं कुछ संवारी गईं
कुछ हलके कुछ भारी गईं
कुछ हलके कुछ भारी गईं
कुछ जीतीं कुछ हारी गईं
कुछ सच्ची कुछ झूठी गई
कुछ सच्ची कुछ झूठी गई
कुछ छुटीं कुछ लूटीं गईं
कुछ कुंवारी कुछ ब्याही गईं
कुछ सादे कुछ शाही गईं
कुछ कुंवारी कुछ ब्याही गईं
कुछ सादे कुछ शाही गईं
कुछ भरी कुछ रीत गईं
सबही की जिनगी बीत गई
सखी री ....,
एकै चाक के माटी हम सब
कुछ गढ़ी कुछ टूट गईं !!!!!
~s-roz~
एकै चाक के माटी हम सब
कुछ गढ़ी कुछ टूट गईं !!!!!
~s-roz~
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