अधूरे ख्वाब
विस्मृत नहीं हो पाती सारी स्मृतियाँ, "डायरी के फटे पन्नों पर" प्रतीक्षारत अधूरी कृतियाँ जिन्हें ब्लॉग के मध्यम से पूर्ण करने कि एक लघु चेष्टा ....
Monday, October 25, 2010
"करवाचौथ"
Friday, October 22, 2010
"सोने की बालियाँ"
Sunday, October 17, 2010
"यह 'जीवन"एक 'नाव
'खेवूँ किस 'ठावँ '
मन"पीड़ा का 'गावँ '
उल्टा पड़ा हर 'दावँ '
कड़ी धुप,जैसे आवँ '
तपते मेरे पावँ 'पाव '
भ्रम मात्र है 'छावँ '
यह 'जीवन"एक 'नाव '
Saturday, October 16, 2010
"दसकंधर-दहन"
एक अग्निबाण !नाभि पर ,
और 'रावण' जल जाएगा
कभी गौर से देखा है?
एक कुटिल मुस्कान लिए,
मानों कह रहा हो........... ,
"मैं बुराई का पुतला,
क्षण में भष्म हो जाऊँगा
परन्तु!गहरे पैठा हूँ जो तुम्हारे ,
उसको भष्मित कैसे कर पाओगे ,
फिर कैसे करोगे सत्य का आह्वान
Saturday, October 9, 2010
"एहसास "
जरा सी हवा में ही , अर्श को आशियाँ समझ लेते हैं
नादाँ है !उन्हें ये इल्म नहीं ..,के .............
एक चुभन ही काफी है फर्श पे फ़ना होने को ......."
और कलेजे, में मदमस्त समंदर" रखना,
बेहद जरुरी है ,इन हवाओं का रुख बदलना ,
वरना जुल्मोंसितम - हादसा और भी बदतर होगा "
जैसा दिखतें है 'हम, वैसा दिखाने में 'होशियार' है
बखूबी, वो झांक सकता है हमारे भीतर भी
पर हमारी 'रूहों' को देख वो खुद भी 'शर्मसार' है "
"फुर्सत-ए-कार फ़क़त चार घड़ी है,
फिर हम ये क्यूँ सोचें के पूरी उम्र पड़ी है ...
गम औ ख़ुशी से तो अभी आंख लड़ी है ,
जिंदगी शमा लिए देखो दर पे खड़ी है
"मुखबिरी तेरी आँखों के क्या कहने ...
जो छिपाती हूँ वही पढ़ लेते हो .....
मेरे ग़मों को बाँट के........
अपने दर्द क्यूँ जकड लेते हो ?"
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"तन्हा है सफ़र ........... बेख़ौफ़ है ,डगर .......चलने दो.मुझे , ......रोका गया तो ...............काफिला बन जायेगा"
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"जहाँ जाते है सब........,हम वहां जाते नहीं ,..........तयशुदा रास्ते........... हमें रास आते नहीं "........."
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"अब तलक जुगनुओं के आस पर थी जिंदगी बशर ....
सूरज ने तो अब किया है रौशन जहां मेरा
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"तब खुले घरों के आँगन में,
अलगनियां डाल कपडे सुखाते थे ,
अब बंद सिटखनियों में ,......
मशीनों से कपडे निकलते हैं निचुड़े निचुडाय हुए.
तब घरों में भागते फिरते थे इधर उधर ,
...अब फ्लेटों में रहते है सिमटे सिमटाय हुए "....................
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"कोई साथ ना दे , गिला नहीं है मुझे,......, मेरा साथ ही काफिला है मुझे ......."
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