तुमसे मिले वो कीमती पल
लौट के ना आयेंगे कल
ये सोच कर
मैंने उन्हें बो दिया
ख्वाब की क्यारीयों में
उन्हें संजो दिया
और तभी से ........
उन नर्म लम्स की हरारत
इन लम्हों को सींचती है
वो हंसी तब्बसुम
गुंचे बन खिल उठते हैं
वो एहसास
उन बोये हुए
लम्हों की उपज
बढ़ा देती है
यक़ीन जानो...
तसव्वुर के बागान में
बागबानी के अपने मजे हैं
जाना ............!
हो जो कभी फुर्सत
तो सैर को आ जाना !!
लौट के ना आयेंगे कल
ये सोच कर
मैंने उन्हें बो दिया
ख्वाब की क्यारीयों में
उन्हें संजो दिया
और तभी से ........
उन नर्म लम्स की हरारत
इन लम्हों को सींचती है
वो हंसी तब्बसुम
गुंचे बन खिल उठते हैं
वो एहसास
उन बोये हुए
लम्हों की उपज
बढ़ा देती है
यक़ीन जानो...
तसव्वुर के बागान में
बागबानी के अपने मजे हैं
जाना ............!
हो जो कभी फुर्सत
तो सैर को आ जाना !!
~s-roz~