सुर, सरगम आवाज़-ओ-साज़ मांगती है
जिंदगी राग-ए-दर्द का रियाज़ मांगती है
कब, कहाँ, कैसे, कितना, क्या-क्या किया
उम्र की बही हर साँस का ब्याज मांगती है
वसीयत के साथ उम्र भी बंट गयी उसकी
वो मगर,बच्चों की उम्र-ए-दराज़ मांगती है
पर क़तरे और फ़र्श पर जमे है पांव मगर
हिम्मत अर्श के रुख को परवाज़ मांगती है
किस्मत में आसाइश-ए-मंजिल हो के न हो
'रोज़' हर इक अंजाम का आगाज़ मांगती है
~s-roz~
आसाइशे-अंजाम= happy ending
जिंदगी राग-ए-दर्द का रियाज़ मांगती है
कब, कहाँ, कैसे, कितना, क्या-क्या किया
उम्र की बही हर साँस का ब्याज मांगती है
वसीयत के साथ उम्र भी बंट गयी उसकी
वो मगर,बच्चों की उम्र-ए-दराज़ मांगती है
पर क़तरे और फ़र्श पर जमे है पांव मगर
हिम्मत अर्श के रुख को परवाज़ मांगती है
किस्मत में आसाइश-ए-मंजिल हो के न हो
'रोज़' हर इक अंजाम का आगाज़ मांगती है
~s-roz~
आसाइशे-अंजाम= happy ending
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