वक़्त का कबाड़ी !
सन्नाटों से भरी खाली बोतलें,
खरीदता भी है और बेकता भी !
बेचने वाले जिंदगी जी चुके होते हैं,शायद !
और खरीदने वाले ........
उसमे जिंदगी भरने की जद्दोजहद में
मशगूल रहते हैं !
कुछ....
जो हुनरमंद है,
उसमे जिंदगी, भर पाते हैं !
...
सन्नाटों से भरी खाली बोतलें,
खरीदता भी है और बेकता भी !
बेचने वाले जिंदगी जी चुके होते हैं,शायद !
और खरीदने वाले ........
उसमे जिंदगी भरने की जद्दोजहद में
मशगूल रहते हैं !
कुछ....
जो हुनरमंद है,
उसमे जिंदगी, भर पाते हैं !
...
और कुछ ,हम जैसों की,
जिंदगी !
कुछ बोतल में
कुछ बोतल के मुहाने और कुछ बोतल के आसपास
छिटकी पड़ी रहती है !
ये जिंदगी भी है न बड़ी सख्त जान है !
बोतल के संकरे मुहाने
उसे भरना
सबके बस की बात नहीं ............!
~s-roz ~
जिंदगी !
कुछ बोतल में
कुछ बोतल के मुहाने और कुछ बोतल के आसपास
छिटकी पड़ी रहती है !
ये जिंदगी भी है न बड़ी सख्त जान है !
बोतल के संकरे मुहाने
उसे भरना
सबके बस की बात नहीं ............!
~s-roz ~
्बडी गहरी बात कह दी।
ReplyDeleteआभार वंदना जी !
ReplyDeleteआप ने फलसफे को कविता का बहुत खूबसूरत जामा पहना दिया है।
ReplyDeleteआशु