इस शहर के लोग
जो खुली आँखों से सोतें है
और बंद आँखों से जागतें है
अब मुर्गे की बांग से नहीं
मज़हबी बांग से जागकर
अंधी दौड़ में शामिल हो जाते हैं
ऐसे आलिम इंसानों के
कानून के क़ायेदे.. फ़ाख्ता हैं
इस शहर में अब तो....
जंगल राज ही नाफ़िज़ हो
कम से कम...
उनके अपने क़ायदे कानून तो होते हैं ?
गर कोई सैलाब आये तो
शेर, गाय, बकरी और चीता
गिद्ध, गिलहरी सांप और तोता
साथ एक ही नाव(नोवा) में होते हैं
अँधेरे में जब सहम जाते हैं
बया के घोंसले के चूज़े
तब वन के जुगनू जगमगाकर
उन्हें रौशनी का हौसला देतें हैं
गर पेट भरा हो शेर का तो
वो कभी हमला नहीं करता
सभी परिंदे और चरिंदे
अमन के गीत गाते हैं
कोयल अपना ठिकाना नहीं बनाती
उसके अंडों को भी कव्वे
अपनी जात का ही समझ
अपने परों की गर्मी देते हैं
इस शहर में जंगल राज ही नाफ़िज़ हो
कम से कम......
उनके अपने क़ायदे कानून तो होते हैं ?
~s-roz~