"आप" का अनुबंध कितने दिन चले
देखते हैं, ये प्रबंध कितने दिन चले
ना दिखेगा कासा किसी के हाथ में
देखते हैं,ये सौगंध कितने दिन चले
अबके सावन फिर, भर उठेगी नदी
देखतें हैं,ये तटबंध कितने दिन चले
जो डोर थी उसमे पड़ी गांठे ही गांठे
देखते हैं,ये सम्बन्ध कितने दिन चले
इसे तोड़ उसे जोड़ की है ये राजनीति
देखते हैं, ये गठबन्ध कितने दिन चले
~s-roz~
देखते हैं, ये प्रबंध कितने दिन चले
ना दिखेगा कासा किसी के हाथ में
देखते हैं,ये सौगंध कितने दिन चले
अबके सावन फिर, भर उठेगी नदी
देखतें हैं,ये तटबंध कितने दिन चले
जो डोर थी उसमे पड़ी गांठे ही गांठे
देखते हैं,ये सम्बन्ध कितने दिन चले
इसे तोड़ उसे जोड़ की है ये राजनीति
देखते हैं, ये गठबन्ध कितने दिन चले
~s-roz~