अधूरे ख्वाब


"सुनी जो मैंने आने की आहट गरीबखाना सजाया हमने "


डायरी के फाड़ दिए गए पन्नो में भी सांस ले रही होती है अधबनी कृतियाँ, फड़फडाते है कई शब्द और उपमाएं

विस्मृत नहीं हो पाती सारी स्मृतियाँ, "डायरी के फटे पन्नों पर" प्रतीक्षारत अधूरी कृतियाँ जिन्हें ब्लॉग के मध्यम से पूर्ण करने कि एक लघु चेष्टा ....

Sunday, June 26, 2016

पंपोर हमले में शहीद हुए वीर सपूतों को नम आँखों से भावभीनी श्रद्धांजलि ...

साथी ......
जब मुझको घर ले जाओगे 
जाहिर है 
माँ का सीना छलनी होगा 
मेरी वर्दी से उसका सीना ढक देना

जब वो 
अपना सिन्दूर पोछेगी 
मेरे खत 
उसके हाथों पर धर देना

वो नन्हा 
हौले से मेरी ताबूत खोलेगा 
'पापा को नींद जगाओ मम्मी' वो बोलेगा 
उस नन्हे के सर पे 
मेरी टोपी रख देना

देखना उनको 
फिर इतनी हिम्मत आ जाएगी 
इक माँ फिर अपने बच्चे को 
वीर सैनिक बना पायेगी !!!
....s-roz

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