अधूरे ख्वाब


"सुनी जो मैंने आने की आहट गरीबखाना सजाया हमने "


डायरी के फाड़ दिए गए पन्नो में भी सांस ले रही होती है अधबनी कृतियाँ, फड़फडाते है कई शब्द और उपमाएं

विस्मृत नहीं हो पाती सारी स्मृतियाँ, "डायरी के फटे पन्नों पर" प्रतीक्षारत अधूरी कृतियाँ जिन्हें ब्लॉग के मध्यम से पूर्ण करने कि एक लघु चेष्टा ....

Saturday, April 30, 2011

"मै सागर कि मीन,

"मै सागर कि मीन,
मेरे आंसू देखे कौन
निशि के इस कोलाहल में
सुन पाते तुम मेरा मौन "
~~~S-ROZ~~~

4 comments:

  1. "मै सागर कि मीन,
    मेरे आंसू देखे कौन"

    संवेदन हीनता की तरफ इशारा करतीं संवेदनशील पंक्तियाँ - बहुत प्यारी तस्वीर के साथ सुंदर प्रस्तुति

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  2. संवेदनशीलता को दर्शाती सुन्दर रचना बहुत बहुत बधाई

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  3. राकेश कौशिक जी /सुनील कुमार जी/अरुण जी / आप सभी प्रबुद्ध जनो की प्रतिक्रिया एवं उत्साहवर्धन का हार्दिक आभार!!!

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