tag:blogger.com,1999:blog-4457017566945507093.post8686779932943535516..comments2023-07-17T04:01:15.299-07:00Comments on आगत का स्वागत : मेरा पसंदीदा संग्रह....sarojhttp://www.blogger.com/profile/16905747067151956796noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4457017566945507093.post-1836358415143476852010-04-24T08:41:59.179-07:002010-04-24T08:41:59.179-07:00"रोज़ बढ़ता हूँ जहा से आगे ,फिर वही लौट के आ ज..."रोज़ बढ़ता हूँ जहा से आगे ,फिर वही लौट के आ जाता हूँ<br />बारहा तोड़ चूका हूँ जिनको ,उन्ही दीवारों से टकराता हूँ..."<br />कैफ़ी आजमी साहब की कृति "दायरा" पढवाने के लिए आभार.Anonymousnoreply@blogger.com